सिनसिनी आदर्श विद्या मंदिर की स्थापना एक सरल लेकिन महान उद्देश्य के साथ हुई — ग्रामीण भारत के बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा और मजबूत संस्कार देना। वर्ष दर वर्ष, यह विद्यालय न केवल भरतपुर ग्रामीण क्षेत्र में श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम देने के लिए पहचाना जाने लगा, बल्कि अपने अनुशासन, शिक्षण पद्धति और पारिवारिक वातावरण के लिए भी सराहा जाने लगा।
शुरुआत में जब संसाधन सीमित थे, तब भी हमारे शिक्षक और प्रबंधन की निष्ठा ने हमें आगे बढ़ने से रोका नहीं। कुछ ही वर्षों में विद्यालय ने Nursery से कक्षा 10वीं तक की शिक्षा का मजबूत आधार खड़ा किया।
विद्यालय ने शिक्षा को सिर्फ पुस्तकों तक सीमित नहीं रखा। यहाँ हर छात्र को नैतिक मूल्यों, संस्कार, व्यवहार और सामाजिक जिम्मेदारी की शिक्षा भी दी जाती है। यही कारण है कि हमारे विद्यार्थी न केवल अकादमिक रूप से बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सफल हो रहे हैं।
सपना था शिक्षा का उजाला हर गांव तक पहुँचाने का, उसी सपना को साकार करता है - सिनसिनी आदर्श विद्या मंदिर।
आज सिनसिनी आदर्श विद्या मंदिर एक आदर्श संस्थान के रूप में अपनी पहचान बना चुका है — जहाँ ग्रामीण भारत का भविष्य तैयार होता है।